KENDRIYA VIDYALA MASHRAK
1965 के पाकिस्थान के खिलाफ जंग में पूर्व हिस्सो को सीमा पर जंग के अनेक योजना की रचना माणेकशा ने इन्होंने की. पश्चिम सीमा पर भारत पीछे हट रह है ये देख कर पूर्व की तरफ स्वतंत्र लीड के लिये खेल खेले गये और उसमे भारत को सफलता मिली.
1971 के जंग के समय लष्कर प्रमुख जनरल मानेकशा इनका पुराना अनुभव सफल रहा. पूर्व पाकिस्तान में उन्होंने इस तरह व्युहरचना की की ये जंग पुरे पंधरा दिन में खतम किया. पूर्व की तरफ विजय मिलने के बाद उन्होंने पश्चिम लीड पर भी पाक को भारतीय प्रदेश में आने नहीं दिया. इसके अलावा उल्टा भारतीय सेना ही पाक प्रदेश तक लेके गये. इस जंग में भारत को निर्णायक विजय प्राप्त हुवा. पाकिस्तान अलग हुआ और बांग्लादेश की निर्मिती हुई.
इस विजय से जनरल माणेकशा बहोत लोकप्रिय हुये. उनके प्रदर्शन के सम्मान के रूप में उस समय भारत सरकार ने उन्हें आजीव ‘फिल्ड मार्शल’ ये लष्करी सेवा का सर्वोच्च बहुमान देकर गौरव किया.
1971 के जंग के समय लष्कर प्रमुख जनरल मानेकशा इनका पुराना अनुभव सफल रहा. पूर्व पाकिस्तान में उन्होंने इस तरह व्युहरचना की की ये जंग पुरे पंधरा दिन में खतम किया. पूर्व की तरफ विजय मिलने के बाद उन्होंने पश्चिम लीड पर भी पाक को भारतीय प्रदेश में आने नहीं दिया. इसके अलावा उल्टा भारतीय सेना ही पाक प्रदेश तक लेके गये. इस जंग में भारत को निर्णायक विजय प्राप्त हुवा. पाकिस्तान अलग हुआ और बांग्लादेश की निर्मिती हुई.
इस विजय से जनरल माणेकशा बहोत लोकप्रिय हुये. उनके प्रदर्शन के सम्मान के रूप में उस समय भारत सरकार ने उन्हें आजीव ‘फिल्ड मार्शल’ ये लष्करी सेवा का सर्वोच्च बहुमान देकर गौरव किया.
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